आदि पराशक्ति या आदिशक्ति में तीन देवी शक्तियाँ, महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती, विद्यमान हैं। ये देवी शक्तियाँ हमारे स्थूल शरीर और सूक्ष्म शरीर की ऊर्जा को सक्रिय और नियंत्रित करती हैं। हम इन दिव्य शक्तियों को संक्षेप में इस प्रकार समझे:

• महाकाली हमारे सूक्ष्म शरीर की बाएं नाड़ी (इड़ा नाड़ी) की शक्ति है। वे हमारी यादों को संचित, हमारी भावनाओं को नियंत्रित और हमें आंतरिक शक्ति प्रदान करती हैं।
• महालक्ष्मी हमारे सूक्ष्म शरीर की मध्य नाड़ी (सुषुम्ना नाड़ी) की शक्ति हैं। वे हमें संतुलित एवं हमारे वर्तमान को नियंत्रित करती हैं।
• महासरस्वती हमारे सूक्ष्म शरीर के दायी नाड़ी (पिंगला नाड़ी) की शक्ति है। वे हमारी भविष्य की योजनाओं, विचारों और कार्यों को नियंत्रित करती हैं।

क्योंकि महाकाली हमारे अतीत और स्मृति को संचित करती हैं, इसलिए हमारे सभी अनुभव, ज्ञान, संबंध और भूतकाल की घटनाएं इनके पास सुरक्षित रहते हैं। अतः अगर किसी व्यक्ति के महाकाली तत्त्व में समस्या आ जाए, तो वह व्यक्ति अपनी याददाश्त खो सकता है।

सूक्ष्म स्तर पर हमें यह समझना चाहिए कि गेहूं के एक छोटे से बीज से गेहूं का पौधे ही उगता है, अन्य कोई पौधा नहीं बनता। मानव शुक्राणु से एक मानव बच्चा ही पैदा होता है, अन्य कोई जीव नहीं। यह ज्ञान सभी प्रकार के जीवों और पौधों के डीएनए में निहित है। अब हम इन दो सवालों पर चिंतन करें:

• डीएनए में यह ज्ञान किसने सुरक्षित रखा है?
• अंकुरण और प्रजनन को कौन नियंत्रित कर रहा है?

अतःपरम सत्य यह है कि यह सर्वोच्च शक्ति हमारी दिव्य माँ महाकाली ही है। उनके सहारा के बिना, प्रकृति के कार्य रुक जायेंगे और वे जीवन से रहित हो जाएँगी। माँ महाकाली के बिना, महालक्ष्मी और महासरस्वती के कार्य भी आगे नहीं बढ़ पाएंगे।

इस प्रकार से, हम आध्यात्मिक ज्ञान के इस परम मणि को प्राप्त करते हैं कि माँ महाकाली ही आदिशक्ति हैं। वे सबसे शक्तिशाली, प्रेममय, सहनशील और क्षमाशील देवी हैं। इन्हें माँ कल्याणी भी कहा जाता है क्योंकि वे बहुत कृपालु हैं। वे हमारी रक्षा हेतु एवं धरती पर धर्म को बनाए रखने के लिए, असुर शक्तियों को नष्ट करती हैं। वे ही हमारी दिव्य माँ है।

माँ महाकाली स्वयं महालक्ष्मी और महासरस्वती हैं। माँ गौरी के रूप में, वे हमारे भीतर हमारी कुण्डलिनी शक्ति के रूप में विद्यमान हैं और हमें ईश्वर संग एकीकरण प्रदान करती हैं। वे ही अदि पराशक्ति हैं, वे ही आदिशक्ति है, और वे ही शिवशक्ति हैं। वे ही महादेव शिव की शक्ति माँ पार्वती हैं। शिवकालीबोध में, हम प्रेमपूर्वक और आदरपूर्वक अपनी परोपकारी और शांतिप्रिय दिव्य माँ महाकाली को, माँ काली के नाम से संबोधित करते हैं।

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