शिवकालीबोध में स्वागत
कुण्डलिनी योग आध्यात्मिकता का सबसे रहस्यमय और शक्ति प्रदान करने वाला पहलु है। माँ गौरी हमारे भीतर माँ कुण्डलिनी के रूप में विद्यमान हैं। जब माँ कुण्डलिनी जागृत होती हैं, वे हमारे सूक्ष्म शरीर के चक्रों, नाड़ियों, भवसागर और दिव्य आभा को ऊर्जावान कर देती हैं। इसके साथ, ईश्वरीय प्रेम और गुण हमारे भीतर जागृत होते हैं और हम इन्हें अपने विचारों, व्यवहार और कार्यों में अभिव्यक्त करने लगते हैं। जब माँ कुण्डलिनी हमारे सहस्रार चक्र का भेदन करती हैं, तो सर्वव्यापी ईश्वरीय चेतना संग हमारा एकीकरण स्थापित कर, हमें मुक्ति प्रदान करती हैं। धीरे-धीरे, हमारा जीवन पूरी तरह परिवर्तित हो जाता है।
शिवकालीबोध में शिवशक्ति उपासकों की कुण्डलिनी, अद्वितीय परमेश्वरी आदिशक्ति माँ काली और महामनस्क परमेश्वर महादेव शिव के आशीर्वाद से जागृति होती है। जब हम मानवीय चेतना की परम अवस्था को प्राप्त करते हैं, जो हैं हमारा ईश्वर संग एकीकरण, तब हम संशयरहित आनंदमय समाधी की अवस्था में पहुँच जाते हैं और आध्यात्मिक रूप से सशक्त हो जाते हैं।
शिवकालीबोध में स्वागत
ॐ नमः माँ काल्यै I ॐ नमः शिवाय I
कुण्डलिनी योग आध्यात्मिकता का सबसे रहस्यमय और शक्ति प्रदान करने वाला पहलु है। माँ गौरी हमारे भीतर माँ कुण्डलिनी के रूप में विद्यमान हैं। जब माँ कुण्डलिनी जागृत होती हैं, वे हमारे सूक्ष्म शरीर के चक्रों, नाड़ियों, भवसागर और दिव्य आभा को ऊर्जावान कर देती हैं। इसके साथ, ईश्वरीय प्रेम और गुण हमारे भीतर जागृत होते हैं और हम इन्हें अपने विचारों, व्यवहार और कार्यों में अभिव्यक्त करने लगते हैं। जब माँ कुण्डलिनी हमारे सहस्रार चक्र का भेदन करती हैं, तो सर्वव्यापी ईश्वरीय चेतना संग हमारा एकीकरण स्थापित कर, हमें मुक्ति प्रदान करती हैं। धीरे-धीरे, हमारा जीवन पूरी तरह परिवर्तित हो जाता है।
शिवकालीबोध में शिवशक्ति उपासकों की कुण्डलिनी, अद्वितीय परमेश्वरी आदिशक्ति माँ काली और महामनस्क परमेश्वर महादेव शिव के आशीर्वाद से जागृति होती है। जब हम मानवीय चेतना की परम अवस्था को प्राप्त करते हैं, जो हैं हमारा ईश्वर संग एकीकरण, तब हम संशयरहित आनंदमय समाधी की अवस्था में पहुँच जाते हैं और आध्यात्मिक रूप से सशक्त हो जाते हैं।
शिवकालीबोध में हमारी यात्रा के दौरान, दिव्य प्रेम और गुण अनायास ही हमारे भीतर जागृत हो जाते हैं और हमारी नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। सर्वप्रथम, प्रकृति के पाँच तत्त्वों के गुण हमारे भीतर जागृत होते हैं। यह गुण हैं-निस्वार्थ भाव से देना (पृथ्वी तत्त्व), उदारता (गगन तत्त्व), अच्छे कर्मों को गति देना (वायु तत्त्व), प्रबोधन (अग्नि तत्त्व), और अनुकूलन क्षमता (नीर तत्त्व)।
शिवकालीबोध में हमारी यात्रा के दौरान, दिव्य प्रेम और गुण अनायास ही हमारे भीतर जागृत हो जाते हैं और हमारी नकारात्मकता नष्ट हो जाती है। सर्वप्रथम, प्रकृति के पाँच तत्त्वों के गुण हमारे भीतर जागृत होते हैं। यह गुण हैं-निस्वार्थ भाव से देना (पृथ्वी तत्त्व), उदारता (गगन तत्त्व), अच्छे कर्मों को गति देना (वायु तत्त्व), प्रबोधन (अग्नि तत्त्व), और अनुकूलन क्षमता (नीर तत्त्व)।
हमारा आध्यात्मिक सूक्ष्म शरीर ईश्वर की अद्भुत रचना है। इस में सात चक्र, तीन नाडिया, भवसागर, कुण्डलिनी और दिव्य आभा हैं। हमारे सूक्ष्म शरीर की ऊर्जा का शुद्धिकरण और संतुल नही हमारे अच्छेस्स्थ्य, समृद्धि और आनंदमय जीवन की कुंजी है।
25 वर्षों तक महादेव और माँ काली की समर्पित भक्ति के आशीर्वाद स्वरुप, भाईगुरु को माँ कुण्डलिनी की जागृति और ईश्वरीय एकीकरण की आध्यात्मिक प्रक्रिया प्राप्त हुई। 10 अप्रैल 2017 को, वे मानव जाति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त करने की ओरे अग्रसर हुए।
हमारा आध्यात्मिक सूक्ष्म शरीर ईश्वर की अद्भुत रचना है। इस में सात चक्र, तीन नाडिया, भवसागर, कुण्डलिनी और दिव्य आभा हैं। हमारे सूक्ष्म शरीर की ऊर्जा का शुद्धिकरण और संतुल नही हमारे अच्छेस्स्थ्य, समृद्धि और आनंदमय जीवन की कुंजी है।
25 वर्षों तक महादेव और माँ काली की समर्पित भक्ति के आशीर्वाद स्वरुप, भाईगुरु को माँ कुण्डलिनी की जागृति और ईश्वरीय एकीकरण की आध्यात्मिक प्रक्रिया प्राप्त हुई। 10 अप्रैल 2017 को, वे मानव जाति को आध्यात्मिक रूप से सशक्त करने की ओरे अग्रसर हुए।
प्रकाशन
शिवकालीबोध के तत्त्वज्ञान और निर्धारित आध्यात्मिक प्रक्रियाओं को जानने के लिए, कृपया भाईगुरु द्वारा लिखित पुस्तकों को पढ़ें,जो यहाँ सूचीबद्ध हैं।
ब्लोग्स
एक पारिवारिक व्यक्ति, साधक, भक्त और प्रतिपालक के रूप में भाईगुरु ने अपने विभिन्न अनुभवों को ब्लोग्स में सांझा किया है, साँझा किया है।
भजन
भाईगुरु को ईश्वर की स्तुति में भजन लिखने की विशेष रूचि है। हमारेYouTube चैनल पर इन्हें सुन सकते हैं। ध्यान व चिंतन करते हुए, इन भजनों का आनंद लें।
प्रवचन
भाईगुरु अपने विभिन्न प्रवचनों में ईश्वरीय सत्य की व्याख्या करते हैं। आप हमारे भाईगुरु की आध्यात्मिक प्रवचन इन्हें YouTube चैनल पर सुन सकते हैं।